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Showing posts from October, 2020

yaari 2020

मात्र 20 दिन साथ रहे कॉलेज में फिर ना जाने कैसा रिश्ता बन गया । तेरी हर बात पर गालियां निकालना बड़ा अच्छा लगता था । और तेरा तानसेन से प्यार सबसे अलग था । 20 दिन तक बहुत की मस्तियां फिर तू छोड़ कॉलेज चला गया था तू बहुत कमिना ना जाने तू मेरा दोस्त कैसे बन गया

love dosti 2020

 कभी दूर गए  कभी पास आए  ये पल भी ना जाने कितनी बार आए  अजीब सा रिश्ता है अपने बीच  इसे दोस्ती का कहु या मोहब्बत का।  पर जैसा भी हैं यार अच्छा है ।

poetry /2020 /

देख अकेली उसको  वो कुत्ते बन कर टूट पड़े  कुछ समझ पाती उससे पहले वो उसकी आबरू लूट गए  देख भेड़ियों जैसे उनको  उसके सांस जैसे छूट गए  बचपन से जो देखे उसने  उसके वो सपने पल भर में ही टूट गए  खून से लथपथ, बिलखती हुई वो  भैया भैया कह रही थी  पर रहम ना किया उन दरिंदों ने  उनकी तो बुद्धि भ्रष्ट हो रही थी  ये कब तक चलता रहेगा  ये मानव रूपी जानवर  इस देवी रूपी स्त्री को  कब तक नोचता रहेगा  कब तक नोचता रहेगा